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Showing posts from September, 2019

love images with quotes

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Piyar ki do sabda sunne ke kaan tarasta hei.kiya hei eh piyar? kiu piyar mei logo ki dil dharkta hei?  Job do ajnabi ne ek dosre ke lie jine ka mokasat ek dosre por dhund lete hei.ek dosre ke bina khali pon mehsus karte hei. Ek dosre ke bina nahi jine ka kasam lete hei, ohi piyar hei. Piyar ke liehi hajora sistri hota hei.piyar me log bahut kus kar lete. Sache piyar miyar mei kabhi dhoka nahi hota, piyar biswas mei kayom hota hei. Piyar ka mehsus phula ke tarah hi najuk hota hei.usko sambhal kor rakhna jaruri hota hei. kobhi kobhi mon mai kheyal aata hei Piyar mei log pagol kiu bonte. Jaha por ruka hua  Ohi por hi ruk jaakor  kheyalo me dub jate hei. Piyar me pagol jarur ho,  lekin andh mot bono. Piyar to sargia anubhuti hei. isko bodnam mot kora. Phul jeisi  najuk piar ko  kobhi mot rulau. Do dil mil rehi hei  Mogar sup supke Piyar to mukta  bihang ke tarah Isko samajna jaruri hei. Gulab mei k

Puja puja, durga puja enage. Happy durga puja

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Puja puja durga puja.happy durga puja Assamtraditional.blogspot.com हमारे देश मे बहु पूर्व से हि महिलाऔको उच्च स्थान दे कर रखा था। इसका उदाहरण स्बरूप दुर्गा मा को ले सकते है। पूर्व का बिधी से देखा जाये तोह महिला स्बसक्तिकरण के  वारे मे इतना नहि सोचने से भि होता, लेकिन हमारे समाज मे पूर्व का लेखा जोखा चोर कर खुद का वनाये नियम निती से महिला को पूरुष प्रधान  समाज मे दवाकर रहने के लिए मजवुर कर दिया। यहि है हमारे समाज का नियम। लेकिन दुर्गा मा का पूजा जो अभि भि महा धुम धाम से मनाया जाता है और  मनाकर रहेगा। दुर्गा मा एक औरत होने के साथ साथ वह शक्तिस्बरूपा है, महरिष मर्दिनि है, जिसके कारण कभि पिथ्वी का लोग उद्धार हुइ थि। धन्य है मा तुम। इस दुगा पूजा के  मोके पर दुर्गा मा के लिए दो शब्द। शरत काल कि यह तौहार ने शवके दुख दुर करके शान्तिपूर्ण करता है। शारदि राणी ने इस समय सज-धज के तौयार होता है। इस समय का सुवह कि दृश्य बहुूत हि मनोरम होता है। कवि, साहित्यिक ने इस समय को लेकर वहुूत चर्चा करते है।  पूजा कि तोहार आने से महने पहले हि देवी मा कि सुन्दर रूप देने के तोयार

Happy mohaloya

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Happy mohaloya मोहालोया से हि दूर्गा पुजा के शुरूआत होटे हैं .पूजा कि  इस समय लोग के  लिऐ बहुट ही  आनन्द पुर्ण होते हैं .पूजा आने  से हि मन प्रफुल्लित हौ जाता  हैं . मोहालया  आने  से हि दुर्गा  पूजा  कि सुरुआत मना जाते हैं  ।इस  दीन मै हि मा दूर्गा सर्ग से पीठबी पर  आते  हैं  ।  मधूर होते हैं इस  समय  ।   मोहालोया को ले कर लोगों के मन मे हज़ारो सवाल आते  हैं . जैसे  ** कौनसा समय मै मोहलया माना जाते हैं ? हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, अश्विन के महीने में अंधेरे पखवाड़े (कृष्णपक्ष) के अंतिम दिन एक पर महालया होता है। महालया में वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत होती है। इस दिन, देवी दुर्गा को पृथ्वी पर हर साल उतरने के लिए माना जाता है । ** लोगो के मन मै प्रश आता हैं इस मोहलया india के कहा कहा माना जाते हैं । भारत में, महालया कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश है। महालया भाद्रपद के महीने में सर्वपितृ अमावस्या (अमावस्या) को मनाया जाता है।   Histroy of the mohaloya मोहलया ईतिहास के बारे मै कई बाँट सामने आते हैं माना जाता