Puja puja, durga puja enage. Happy durga puja

Puja puja durga puja.happy durga puja

Assamtraditional.blogspot.com
हमारे देश मे बहु पूर्व से हि महिलाऔको उच्च स्थान दे कर रखा था। इसका उदाहरण स्बरूप दुर्गा मा को ले सकते है। पूर्व का बिधी से देखा जाये तोह महिला स्बसक्तिकरण के  वारे मे इतना नहि सोचने से भि होता, लेकिन हमारे समाज मे पूर्व का लेखा जोखा चोर कर खुद का वनाये नियम निती से महिला को पूरुष प्रधान  समाज मे दवाकर रहने के लिए मजवुर कर दिया। यहि है हमारे समाज का नियम। लेकिन दुर्गा मा का पूजा जो अभि भि महा धुम धाम से मनाया जाता है और  मनाकर रहेगा। दुर्गा मा एक औरत होने के साथ साथ वह शक्तिस्बरूपा है, महरिष मर्दिनि है, जिसके कारण कभि पिथ्वी का लोग उद्धार हुइ थि।
धन्य है मा तुम।



इस दुगा पूजा के  मोके पर दुर्गा मा के लिए दो शब्द।

शरत काल कि यह तौहार ने शवके दुख दुर करके शान्तिपूर्ण करता है। शारदि राणी ने इस समय सज-धज के तौयार होता है। इस समय का सुवह कि दृश्य बहुूत हि मनोरम होता है। कवि, साहित्यिक ने इस समय को लेकर वहुूत चर्चा करते है। 
पूजा कि तोहार आने से महने पहले हि देवी मा कि सुन्दर रूप देने के तोयार मै जोर जाते है शील्पी लोग। वहूत कष्ट के वाद खनिकर का हातो की स्र्पष से अतं मे एक सुन्दर पतिमा का रूप लेते है। 


आयिये दुर्गा पूजा कि सुरुवाती मके पर सवको दुर्गा मा की आशीष ले कर शुभ कामनाये देति हु।

जय दुर्गा मा कि॥

Assamtraditional.blogspot.com

दुर्गा पूजा हर साल महा धुम धाम से मनाया जाता है। दुर्गा मा शक्ति का स्बरूप होता है। इसको शारदिय उटसव भि कहा जाता है।

दुर्गा पूजा का त्योहार महिषासुर का वध करने के खुशी में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा चुरू होने से पेहले महालया मनाया जाता है। कहा जाता है कि महालया के दिन असुर ओर देवताओ के विश युद्ध हुवा था ओर उस युद्ध मैे बहु ऋषि, देवताओ का मृतुॅ हुवा था उन लोगो को तर्पण देने के लिए  महालया माना जाता है।



दुर्गा पूजा कि विधिवत सुरुवात षष्ठि के दिन से चुरु होता है। षष्ठि के दिन हि देवि दुर्गा धरिती पर आते है। दूर्गा पूजा का पारमभिक कार्य पारमभ होता है। अगले दिन महासप्तमि होता है और इस दिन नवपत्रिका या कलाबाऊ का पूजन होता है। दोसरे दिन महाअष्टमी होता है, महाअष्टमि पर संधि पूजा होती है जो अष्टमि और नवमि दोनो दिन चलते है।  अतं मे होता दशमी। उस दिन देवि मा का विर्सजन होता है। पूजा भि अंत होता है।
एक तरफ से देखा जाये तो दुर्गा पूजा वेंगली समपदाय का प्रधान उटसव होता है, लेकिन भारत मे सभि हिन्दु समपदाय का लोग ने इस त्योहार को महा धुमधाम से मनाते है।


आयिये दुर्गा पूजा कि सुरुवाती मके पर सवको दुर्गा मा की आशीष ले कर शुभ कामनाये देति हु।
जय दुर्गा मा कि॥
दुर्गा पूजा हर साल महा धुम धाम से मनाया जाता है। दुर्गा मा शक्ति का स्बरूप होता है। इसको शारदिय उटसव भि कहा जाता है। 2019 मे पूजा 4 अक्टोवर से चुरु हगा।
Assamtraditional.blogspot.com

Assamtraditional.blogspot.com









मेरा लेखा से आपको थोरा सा भि लाभ या थोरा सा भि आच्चा लगा है तो पित्ज आपलोग ने लाइक, शेयार अर कमेन्त कोरके जरुर वतायी। मुजे लिखने का उतसाह दिजिये।

आपलोग जरुर यह वात का चर्चा करने के लिये मुजे मका दिजिये अर आप लोग भि कमेन्त कोरके वतायी। आपलोगो का कमेन्त मिलने से मुजे उतसाह मिलेगी।                                                                 
दुर्गा मा ने महिसाशुर को बध कियु करना परा??
देवी दुर्गा कोन है??

जय दुर्गा मा कि॥


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

what is cronavirus ? क्या है करॉना वायरस?

एक लड़की का जीवन क्या है?लड़की ने मन चुपाकर रखा हुवा कुछ सच बात।

2019 Recent govt job.....